मन के पंछी आजकल उड़ते हैं इस तरह आपसे मिलकर कोमल पंखे जैसे अब मजबूत हो चुकी हो नहीं सोचते हैं कि हम अकेले हैं जिंदगी मिली साथ आपका मिला प्यार आपका मिला
मुझे अच्छा लगता है जब तुम मीठी मीठी बातें करते हो तुम्हारी रस भरी बातों से मैं तुम्हारी हो गई हर घड़ी मिलने को बेचैन रहती हूं अलग होकर अब रह नहीं सकती कुछ ऐसे प्यार करती हूं
वह आजकल मुझसे मोहब्बत बेशुमार करते हैं जो भी मांगती हूं मिल जाता है कुछ भी नहीं वो इनकार करते हैं मेरी नसीब इतनी अच्छी है कि वह मिल गए हर रोज मुस्कुराते हुए गुजरती है जिंदगी