मन के पंछी आजकल उड़ते हैं इस तरह आपसे मिलकर कोमल पंखे जैसे अब मजबूत हो चुकी हो नहीं सोचते हैं कि हम अकेले हैं जिंदगी मिली साथ आपका मिला प्यार आपका मिला
हर लम्हा गुजारना चाहता हूं तुम्हारे करीब रहकर मुक़द्दर बनकर सवार दो मेरी जिंदगी वर्षों से प्यार के लिए तरस रहे हैं आपके दिल में मुझको अब जगह चाहिए