सीधे मुख्य सामग्री पर जाएं

हर लम्हा गुजारना चाहता हूं

हर लम्हा गुजारना चाहता हूं तुम्हारे करीब रहकर  मुक़द्दर बनकर सवार दो मेरी जिंदगी वर्षों से प्यार के लिए तरस रहे हैं आपके दिल में मुझको अब जगह चाहिए

इस ब्लॉग से लोकप्रिय पोस्ट

मन के पंछी आजकल उड़ते हैं इस तरह

 मन के पंछी आजकल उड़ते हैं इस तरह आपसे मिलकर कोमल पंखे जैसे अब मजबूत हो चुकी हो नहीं सोचते हैं कि हम अकेले हैं जिंदगी मिली साथ आपका मिला प्यार आपका मिला

मुझे अच्छा लगता है

 मुझे अच्छा लगता है जब तुम मीठी मीठी बातें करते हो तुम्हारी रस भरी बातों से मैं तुम्हारी हो गई हर घड़ी मिलने को बेचैन रहती हूं अलग होकर अब रह नहीं सकती कुछ ऐसे प्यार करती हूं